मुंबई : इंडियन क्रिश्चियन असोसिएशन के संस्थापक नोवेल साल्वे ने कहा है कि महाराष्ट्र में सभी दलों ने क्रिश्चियन समुदाय की उपेक्षा की है . पिछले तीस साल के दौरान किसी भी क्रिश्चियन को राज्य में मंत्री नहीं बनाया गया .उन्होंने सरकार से क्रिश्चियन समुदाय के लोगों को संसद और विधानसभाओं में नामित करने के लिए कानून बनाने तथा सभी दलों के नेताओं से इस समुदाय को भी विधिमंडल तथा सरकार में प्रतिनिधित्व देने की मांग की है.
आज यहाँ जारी एक बयान में श्री साल्वे ने कहाकि महाराष्ट्र के लगभग सभी दलों ने क्रिश्चियन समाज का शोषण किया है। १९८५ के बाद राज्य में इस समुदाय का कोई भी व्यक्ति मंत्री नहीं बन सका। महाराष्ट्र में लगभग ५० लाख क्रिश्चियन रहते हैं लेकिन किसी दल ने आज तक न तो इस समुदाय के विकास के बारे में सोंचा और न ही विधिमण्डल में उनके प्रतिनिधत्व के बारे। सभी समुदायों के विकास के लिए महामण्डल बने हैं लेकिन क्रिश्चियनों की मदद के लिए कोई महामण्डल नहीं बना। उन्होंने कहाकि जिस प्रकार एंग्लो इंडियन समुदाय के व्यक्ति को लोकसभा और विधान सभा में सीधे नामित कर दिया जाता है उसी प्रकार क्रिश्चियन समुदाय के व्यक्ति को भी लोकसभा और विधान सभाओं में नामित करने की व्यवस्था की जानी चाहिए। मदर टेरेसा के नाम पर एक महामण्डल बनाया जाये जो इस समुदाय के लोगों का विकास करे। उन्होंने कहाकि अब क्रिश्चियनों की उपेक्षा सहन नहीं जाएगी। महाराष्ट्र के राजनेताओं से अनुरोध है कि वे इस समुदाय के विकास और विधिमंडल में उनके प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करके एक आदर्श प्रस्तुत करें ताकि अन्य राज्य भी महाराष्ट्र का अनुकरण करें।